📅 2025 के प्रमुख त्योहार और पूजा विधियाँ
भारत एक सांस्कृतिक देश है जहाँ हर महीने कोई न कोई पर्व मनाया जाता है। 2025 में कौन-कौन से प्रमुख त्योहार कब पड़ रहे हैं और उनकी पूजा कैसे की जाती है, यह जानना हर भक्त के लिए आवश्यक है। इस लेख में हम आपको पूरे वर्ष के प्रमुख हिंदू त्योहारों की तिथि और पूजा विधि बताएंगे।
🗓️ जनवरी
- लोहड़ी – 13 जनवरी: अग्नि के चारों ओर तिल, गुड़, मूंगफली अर्पित करें।
- मकर संक्रांति – 14 जनवरी: सूर्य देव को जल अर्पित करें, तिल-गुड़ का दान करें।
- वसंत पंचमी – 3 फरवरी: माँ सरस्वती की पीले वस्त्रों में पूजा करें, पुस्तकें और वाद्ययंत्र रखें।
- महाशिवरात्रि – 26 फरवरी: बेलपत्र, दूध, जल से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- होलिका दहन – 13 मार्च: होलिका की परिक्रमा करें, गेहूं की बालियाँ अर्पित करें।
- रंगों की होली – 14 मार्च: गुलाल से एक-दूसरे को रंगें, मिठाई बाँटें।
- चैत्र नवरात्रि – 30 मार्च से: घटस्थापना करें, नौ दिनों तक देवी के नौ रूपों की पूजा करें।
- राम नवमी – 6 अप्रैल: श्रीराम की मूर्ति को स्नान कराएं, तुलसी और फूल अर्पित करें।
- हनुमान जयंती – 13 अप्रैल: हनुमान चालीसा का पाठ करें, सिंदूर और लड्डू चढ़ाएं।
- रक्षाबंधन – 9 अगस्त: भाई की कलाई पर राखी बांधें, तिलक करें और मिठाई खिलाएं।
- गणेश चतुर्थी – 27 अगस्त: गणपति की मूर्ति स्थापित करें, 10 दिनों तक पूजा करें।
- शारदीय नवरात्रि – 22 सितंबर से: कलश स्थापना, देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा।
- दशहरा – 2 अक्टूबर: शस्त्र पूजा करें, रावण दहन का आयोजन।
- करवा चौथ – 10 अक्टूबर: चंद्र दर्शन के बाद पति के हाथ से जल ग्रहण करें।
- धनतेरस – 18 अक्टूबर: धन्वंतरि और लक्ष्मी जी की पूजा करें।
- दीपावली – 21 अक्टूबर: लक्ष्मी-गणेश की पूजा, दीप जलाएं।
- गोवर्धन पूजा – 22 अक्टूबर: गोबर से गोवर्धन बनाएं, अन्नकूट का आयोजन।
- भैया दूज – 23 अक्टूबर: बहनें भाइयों को तिलक करें, भोजन कराएं।
- देवोत्थान एकादशी – 1 नवंबर: विष्णु जी की जागरण पूजा करें।
- गुरु नानक जयंती – 5 नवंबर: गुरुद्वारे में पाठ और लंगर सेवा।
🗓️ फरवरी
🗓️ मार्च
🗓️ अप्रैल
🗓️ अगस्त
🗓️ सितंबर
🗓️ अक्टूबर
🗓️ अक्टूबर–नवंबर
🗓️ नवंबर
❓ FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या हर त्योहार की पूजा विधि अलग होती है?
हाँ, हर पर्व की पूजा विधि उसकी पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यता पर आधारित होती है।
क्या पूजा का समय भी मायने रखता है?
बिलकुल! शुभ मुहूर्त में पूजा करने से फल कई गुना बढ़ जाता है।
क्या घर पर पूजा करना उतना ही प्रभावी है?
हाँ, यदि श्रद्धा और विधि से की जाए तो घर की पूजा भी उतनी ही फलदायक होती है।
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🔚 निष्कर्ष
2025 में आने वाले प्रमुख त्योहारों की तिथि और पूजा विधि जानना न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक विरासत को भी मजबूत करता है। इस पोस्ट को अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करें ताकि वे भी समय पर पूजा कर सकें और शुभ फल प्राप्त करें।
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