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Ekadashi Vrat 2026

Ekadashi Vrat 2026: तिथि, महत्व, नियम, कथा और संपूर्ण मार्गदर्शन एकादशी व्रत 2026: तिथि, महत्व, नियम, कथा और संपूर्ण मार्गदर्शन हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का स्थान अत्यंत पवित्र माना गया है। यह व्रत हर महीने दो बार—शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। वर्ष 2026 में कुल 24 एकादशी आएँगी। एकादशी व्रत को भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम साधन माना गया है। ऐसा विश्वास है कि इस व्रत को रखने से मनुष्य के पाप नष्ट होते हैं, मन शुद्ध होता है और जीवन में सुख‑समृद्धि आती है। इस विस्तृत ब्लॉग में आप जानेंगे— एकादशी व्रत क्या है एकादशी का धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व 2026 की सभी एकादशी तिथियाँ व्रत की विधि क्या खाएँ और क्या न खाएँ एकादशी की पौराणिक कथा लाभ और सावधानियाँ अंत में महत्वपूर्ण FAQ एकादशी व्रत क्या है? एकादशी, चंद्र मास के अनुसार, हर पक्ष की 11वीं तिथि को क...
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अक्षय खन्ना का फ़िल्मी करियर Dhurandar

अक्षय खन्ना का फ़िल्मी करियर – एक विस्तृत ब्लॉग अक्षय खन्ना का फ़िल्मी करियर: प्रतिभा, संघर्ष और सफलता की अनोखी कहानी हिंदी फ़िल्म इंडस्ट्री में कई ऐसे कलाकार हुए हैं जिन्होंने अपनी मेहनत, अभिनय क्षमता और अनोखी स्क्रीन प्रेज़ेंस से दर्शकों के दिलों में एक अलग जगह बनाई है। इन्हीं में से एक नाम है अक्षय खन्ना । शांत स्वभाव, गहरी आँखें, दमदार संवाद अदायगी और किरदारों में उतर जाने की क्षमता—ये सभी गुण उन्हें बॉलीवुड के सबसे बहुमुखी अभिनेताओं में शामिल करते हैं। 28 मार्च 1975 को मुंबई में जन्मे अक्षय खन्ना, दिग्गज अभिनेता विनोद खन्ना के बेटे हैं। अभिनय उनके लिए विरासत में मिला, लेकिन उन्होंने अपनी पहचान अपने दम पर बनाई। 1997 में रिलीज़ हुई फ़िल्म हिमालय पुत्र से उन्होंने अपने करियर की शुरुआत की, और उसी साल आई बॉर्डर ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया। यह फ़िल्म न सिर्फ़ बॉक्स ऑफिस पर सफल रही बल्कि अक्षय को उनके करियर का पहला बड़ा अवॉर्ड—Filmfare Best Male Debut—भी दिलाया। शुरुआती दौर: संघर्ष और पहचान की तलाश अक्षय खन्ना ने शुरुआत से ही यह साबित कर दिया था कि वे सि...

इंडिया पोस्ट का DHRUVA – भारत का डिजिटल एड्रेस सिस्टम

इंडिया पोस्ट का DHRUVA – भारत का डिजिटल एड्रेस सिस्टम इंडिया पोस्ट का DHRUVA – भारत का डिजिटल एड्रेस सिस्टम 📌 प्रस्तावना भारत डिजिटल क्रांति की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आधार, UPI और ONDC जैसी पहलों के बाद अब इंडिया पोस्ट ने DHRUVA पेश किया है। यह सिस्टम भारत के एड्रेसिंग सिस्टम को डिजिटल और मानकीकृत बनाने का प्रयास है। 📖 DHRUVA क्या है? DHRUVA = Digital Hub for Reference and Unique Virtual Address हर भौतिक पते को एक यूनिक डिजिटल एड्रेस आईडी (DAI) में बदलता है। DIGIPIN (10 अंकों का कोड) पर आधारित है। 🎯 उद्देश्य एड्रेस का मानकीकरण पते का मानकीकरण: भारत में एड्रेसिंग सिस्टम बहुत असंगठित है। DHRUVA इसे एकरूप बनाएगा। तेज़ और सटीक डिलीवरी : ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स और सरकारी सेवाओं की डिलीवरी अधिक सटीक होगी। गवर्नेंस में सुधार: सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुँचेगा। नागरिकों के लिए आसान एड्रेस शेयरिंग : नागरिकों को एड्रेस शेयर करने और वेरिफा...

8Th Pay Commission kya hai 8वां वेतन आयोग: कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ा बदलाव (8th Pay Commission in Hindi)

8वां वेतन आयोग: कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ा बदलाव (8th Pay Commission in Hindi) 8वां वेतन आयोग 2025: कर्मचारियों और पेंशनधारकों के लिए बड़ा बदलाव इस ब्लॉग में आप 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के बारे में सरल हिंदी में पूरी जानकारी जानेंगे—वेतन संरचना, फिटमेंट फैक्टर, महंगाई भत्ता (DA), पेंशन पर असर, संभावित लाभ और चुनौतियाँ। नोट: यहां दी गई जानकारी सामान्य, सार्वजनिक चर्चा और अपेक्षाओं पर आधारित है। आधिकारिक घोषणा, नियम और कार्यान्वयन विवरण सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं में तय होंगे। विषयसूची परिचय वेतन आयोग का इतिहास 8वें वेतन आयोग का संभावित गठन और दायरा मुख्य उद्देश्य फिटमेंट फैक्टर और न्यूनतम वेतन महंगाई भत्ता (DA) पेंशनधारकों पर असर कर्मचारियों की अपेक्षाएँ चुनौतियाँ संभावित लाभ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न निष्कर्ष परिचय भारत में सरकारी कर्...

Dhanteras Par Kharidein Ye saman jo Aapke Liye Subh Hoga

धनतेरस पर क्या खरीदें जो आपके लिए शुभ होगा धनतेरस पर क्या खरीदें जो आपके लिए शुभ होगा धनतेरस का महत्व धनतेरस, जिसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है, दीपावली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। यह पर्व कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन स्वास्थ्य और समृद्धि से जुड़ी वस्तुओं की खरीदारी शुभ मानी जाती है। धनतेरस 2025: तिथि और शुभ मुहूर्त धनतेरस 2025 में शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह दिन दीपावली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है और इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है। 🔔 शुभ मुहूर्त (Puja Muhurat) धनतेरस पूजा मुहूर्त: शाम 07:12 बजे से 08:16 बजे तक प्रदोष काल: 05:45 PM से 08:16 PM वृषभ काल (स्थिर लग्न): 07:12 PM से 09:07 PM तक पूजा का महत्व इस दिन भगवान धन्वंतरि , माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है। यह दिन स्वास्थ्य, धन और समृद्धि क...

पितृ पक्ष 2025: कब है, क्या करें और क्या न करें Pitra Paksh kab hai 2025 aur kya kare aur na kare

पितृ पक्ष 2025: कब है, क्या करें और क्या न करें? पितृ पक्ष कब है और क्या करें पितृ पक्ष पर? (2025 के लिए सम्पूर्ण गाइड) पितृ पक्ष करने से क्या होता है? पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और वे प्रसन्न होकर अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस 16 दिवसीय अवधि में पितृ लोक के द्वार खुलते हैं और पितरों की आत्माएं पृथ्वी पर आती हैं। यदि इस समय विधिपूर्वक श्राद्ध कर्म किया जाए, तो पितृ दोष समाप्त होता है और परिवार में सुख-समृद्धि आती है। पितृ पक्ष में किए गए तर्पण और दान से आत्मा को अगला शरीर प्राप्त करने में सहायता मिलती है और मोक्ष की ओर गति होती है। यह कर्म केवल धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि पूर्वजों के प्रति श्रद्धा और कृतज्ञता व्यक्त करने का माध्यम है। जो व्यक्ति पितृ पक्ष में श्राद्ध नहीं करता, उसकी कुंडली में पितृ दोष उत्पन्न हो सकता है, जिससे जीवन में बाधाएं आती हैं। इसलिए पितृ पक्ष में श्राद्ध करना न केवल आत्मिक शांति के लिए आवश्यक है, बल्कि यह परिवार की...

Durga Puja Mela 2025 Banarhat Jalpaiguri West Bengal

दुर्गा पूजा मेला 2025 बनारहाट, जलपाईगुड़ी, पश्चिम बंगाल: एक सांस्कृतिक उत्सव की झलक पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक उत्सव है जो पूरे राज्य को जीवंत कर देता है। जलपाईगुड़ी जिले के बनारहाट क्षेत्र में हर साल आयोजित होने वाला दुर्गा पूजा मेला 2025 में और भी भव्य रूप लेने जा रहा है। यह मेला न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र बनता जा रहा है। इस मेले को स्थानीय लोग ' मीना बाज़ार ' के नाम से भी जानते हैं। अधिकांश स्थानीय लोग इसे 'मीना बाज़ार' ही कहते हैं। बनारहाट का यह प्रसिद्ध मेला एनएच-31 से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बंगला हाई स्कूल के विशाल मैदान में आयोजित होता है, जहाँ हर साल हजारों लोग जुटते हैं। आइए जानते हैं यह मेला कब शुरू होता है और कब खत्म होता है सामान्य दिनों में मेला दोपहर 3 बजे से शुरू होकर रात 12 बजे तक चलता है, जबकि रविवार   ( SUNDAY) को यह मेला दोपहर 12 बजे से ही शुरू हो जाता है। यह मेला सप्तमी से शुरू होकर कुल 12 दिनों तक चलता है। आइए जानते हैं कि इस मेले...